.... तीन नवें पाबर पलांट: थोरियम, हैवीवाटर, प्रदूसन रहत यूरेनियम, लगाए जान गे।। पूरी बिजली, खेती 1 रुपए, घरेलू 2 रुपए, सनअत 3 रुपए, 24 घंट मिले गी। मुक्ख मंतरी ते मंतरआँ दी तनखाह इक रुपए महीना, भ्रिसटाचार दी कमायी नाल बणाईआं जायदादां जब्त, धर्म तो राजनीति वक्खरी, दुकानदार कर मुक्त, वायी फायी फ्री, 16 साल दी उम्र विच बालग, पूरे वेरवे लइी देखो 100+ परण पतर।

        

राय देन दी की मजबूरी है।

03 मेरी राय देन दी की मजबूरी है।

स बलदेव सिंह वगैरा नहरू साहब दे नेड़े सन्। मास्टर तारा सिंह ने ईरखा तहत इक र्यूमर फैलाई की जिनाह सारा पंजाब मंगदा है। सारा पंजाब पासितान विच जाए गा जे लहौर तक्क मुसलमान ना कढे गए। बाद विच बयान दिता की असीं लहौर भी लवां गे। लहौर तों सभ मुसलमान कढां गे। जनून्न इतना सी की जे कोयी इस अफवाह नूं झूठी दसदा तां उस दी बड़ी= दुर्गत कीती जांदी सी ।
मास्टर जी लहौर किले तों हैदरी झंडा वढ्ढ्ह के आप तां भज्ज आए पर कतलाम सुरू हो गई सिखां दी। इधर सिखां ने मुसलमान वढने सुरू कर दिते।। 10 लक्ख मुसलमान सीख हिन्दू मारे गए सिर्फ झूठी मनघड़त अफवाह कारन। अज्ज अजेहे हालात फिर बण रहे हन।। कोयी भी बेलोड़ियां मंगां नूं गलत कहन दी जुरअत नहीं रक्खदा।।
दूजी घटना बादल साहब वलो पंजाब दा उजाड़ा सरकार ते गुरु घरां दी लूट
शरोमनी कमेटी बादल परवार दे प्रभाव हेठ आ चुकी सी। उहनां दे अंकल प्रधान रह चुके सन्। बादल साहब किसान आगू समझे जांदे सन् पंजाबी सूबा नाम दी वखरी स्टेट लई कानफरंशां जलसे जलूस जारी सन्। तरन तारन दा रेल हादसा मैं आपनी अखीं वेख्या।।
मैं ग्यानी अजमेर सिंह नूं केहा की महिन्दर गड़्ह मेवाड़ तक्क सभ नौकरियां साडे कोल हन; शिमला हिमाचल साडे कोल है। भाखड़ा दा सारा पानी साडे कोल है। पानी आम है। डैम साडे कोल हन बिजली आम है। दफतरां विच पंजाबी चल पई है। सीख मुलाजम बागड़ विच पंजाबी प्रचार रहे हन।। हून आपां तिगनी धरती ते राज करदे हां।। असीं पंजाबी सूबा बणाके सभ कुझ गुआ लवां गे। अनन्दपुर चंडीगड़्ह अबोहर फाजलका भी गुआ लवां गे। सरीक पैदा करन करके सीख केंदर दे दुश्मन समझे जान गे। सीख हिन्दू विरोध पैदा होए गा। सांझी वालता खत्म हो जाए गी। तुसी स्रोमनी कमेटी दे सैकटरी हों तुसीं विरोध क्युं नहीं करदे।
उहनां केहा।। जैसा महौल होवे तैसा वरतारा करना ही ठीक समझो। होर कोयी राय देन वाले दी खलल लाह देन गे। बेशक्क विरोध करके देख लउ।। मैं चुप कर गया। अगले दिन जथा लेके जेहल चला गया।
पंजाबी सूबा बण गया। पंजाबी भूल गई। लूट सुरू हो गई। बादल परवार ने सारा पंजाब लुटके कंगाल कर दिता।। जुआनी तबाह किसानी तबाह धर्म दा विनास अकाल तख्त दी दुर्गति। की मिलया पंजाबी सूबा बणाके।। मन विच इक भुलेखा रह गया। जे मैं कुझ जुआन नाल ले के विरोध करदा।। शायद कोयी बचत रह जांदी।।