तीन नवें पाबर पलांट: थोरियम, हैवीवाटर, प्रदूसन रहत यूरेनियम, लगाए जान गे।। पूरी बिजली खेती 1 रुपए, घरेलू 2 रुपए, सनअत 3 रुपए, 24 घंट मिले गी। मुक्ख मंतरी ते मंतरआँ दी तनखाह इक रुपए महीना, भ्रिसटाचार दी कमायी नाल बणाईआं जायदादां जब्त, धर्म तोन् राजनीति वक्खरी, दुकानदार कर मुक्त, वायी फायी फ्री, 16 साल दी उम्र विच बालग, देखो परण पतर।
205. बादल शाही लुटेरा शाही शब्द दी वरतों क्युं? मेरा किसे खास विअकती जां किसे खास परवार जां किसे खास पर्टी नाल कोयी जाती मत भेद नहीं है। मेरा मतभेद सिर्फ भृष्टाचार सरकारी जबर सरकारी सरपरस्ती हेठ कीती लूटमार वगैरा अनैतिक कारनामिंआं नाल है। पंजाब विच लंमें समें तों बादल सहब. उहनां दे रिश्तेदार अते कुझ खास नजदीकी राज कर रहे हन।। अकाली दल नहीं बलके अकाली दल दा इक निजी ग्रुप राज कर रेहा है। इसे हुक्मरान ग्रुप लई बादल शाही शब्द वरत्या गया है। बादलशाही तों भाव हुक्मरान ग्रुप है नां की विअकती गत रूप विच श प्रकाश सिंह बादल जां स सुखबीर सिंह बादल। हर शब्द दे दो अर्थ हुन्दे हन।। इक शबद-अरथ दूसरे भाव-अरथ।। मैं बादलशाही दा भाव अर्थ वरत्या है। अति दी गर्मी समें जद बादल दी छां दिसदी है तां लोक राहत महसूस करदे हन।। बारश होवे उपज वधदी है। जद बादल आपना रंग बदलके गड़कन लगदे हन तां लोकां विच घबराहट पैदा हो जांदी है की किते क्रौप नां हो जान। जद बादल फट जांदा है तां प्रभावत लोकां दा सभ कुझ खत्म हो जांदा है। मेरे मन विच भी बादल सहब दे दोनो रूप मजूद हन।। जदों मैं बादल सहब नूं बचपन विच वेख्या सी उस समें लोक उहनां दा देवता समान सतिकार करदे सन्। मैं भी उहनां दी छां हेठ बेठन दी उमीद नाल स्याशत विच आया सी। पर अज मेरा उहनां दी सरप्रशती हेठ ही सभ कुझ लुट्या गया है। अज मेरे लई बादल फट गया है। मेरा भांवें बादल शाही तों भाव श प्रकाश शिंघ विअकती गत रूप विच नहीं है। पर जे मैंनूं कदे उहनां दा जिक्र करना पे जाए तां मैं नां लेन नालों बादल सहब कहना ठीक समझां गा। बादल विच दोनो शकतियां मजूद हन।। विकाश करन दी शक्ति भी अते तबाह करन दी शक्ति भी। पर मैं आपनी वेबसाईट विच जां इस सबंधी इकत्त्रतावां विच कदे भी उहनां दा विअकती गत विरोध नहीं करां गा। बादल शाही तों मेरा भाव उहनां दी सरकार दुरान गैरकनूनी धन्दे करन वाला ग्रोह है। ग्रोह पंजाबी शब्द ग्रुप दा संखेप है। लुटेरा शाही शब्द दी वरतों क्युं?।।। पुलीटीकल करप्पशन लई आम तौर ते पंजाबी विच भृष्टाचार दा सबद वरत्या जांदा है। भृष्टाचार शब्द सिर्फ किसे कंम धन्दे लई नौकरी बदली आदि लई किसे अफसर जां किसे राजनीतक नूं दिते गए पैसे दा ही भाव सूचक हुन्दा है। इस विच प्रांत दे लूट खोह दे दूसरे साधनां दा भाव महसूस नहीं हुन्दा।। लुटेरा शाही शब्द उह सारे यतनां वॉ साधनां दा भाव दिन्दा है जो प्रांत नूं लूटन लई हुक्मरान लुटेर्यां वलों वरते जांदे हन।। लूटन दे इहनां यतनां नूं अंगरेजी विच "क्रप्पट प्रैकटिसज" केहा जांदा है। पंजाबी व्याकरन अनुसार किसे मकान दुकान विच जबरदस्ती लूट खोह करन वाले नूं लुटेरा केहा जांदा है। जेकर लुटेरे नूं अन्दरूनी सरकारी सरपरस्ती हांसिल हैवे तां इसनूं शाही लुटेरा कहन्दे हन।। जे लुटेर्यां दा समूंह राज शत्हा ऊपर काबिज होके सरकारी जोर जबर नाल लूट खोह करे तां इस नूं भृष्टाचार नहीं लुटेराशाही शब्द ज्यादा ठीक होवे गा। किसे आम वरतों दी चीज नूं नजायज पैसा कमाउन दी नित नाल कोयी बेलोड़ा कनून्न बणाके नजायज पैसा कमाउणा राजनीतक क्रप्पट प्रैक्टिस है। मिशाल वजों रेता बजरी मकान उसारी लई अति जरूरी लोड़ है। कुझ समां पहलां इह दो तीन हजार रुपए ट्रक्क मिलदा सी अज सरकारी बेईमानी नाल 50 हजार रुपए ट्रक्क तक जा पहुंचा है। गवांडी राज हर्याने विच इह 5-7 हजार रुपए प्रति ट्रक्क अज भी मिल रेहा है। किसे खास विअकती नूं नजायज मुनाफा देन लई लोक दुश्मन सरकार वलों लोक दुश्मन कनून्न बणाके लाभ पहुंचाउणा क्रप्पट प्रैक्टिस है। हुक्मरान ग्रुप वलों क्रप्पट प्रैकशज रांही धन दौलत इकट्ठा करन दी नीति नूं राजनीति नही भिशटाचार शब्द दी वरतों योग होवे गी। देस दा कनून्न मीडिया नूं हर प्रकार दी अजादी दिन्दा है। किसे भी गैर कनून्नी गैर इखलाकी गैर समाजिक घटना नूं जनता साहमने ल्याउना मीडिया दी जुमेंवारी है। कोयी भी हिदोसतानी पंजाबी मीडिया सैंटर चलाउन दा अधिकार रखदा है। केबल उपरेटर दा कारोबार भी हर इक पंजाबी दा अधिकार है। सरकारी जबर नाल अनेकां मजूद केबल सैंटर बन्द करवाके मनोपली कइम करके डिशइनफरमेशन राहीं लोकां नूं गुमराहकुन्न प्रचार करना राजनीतक क्रप्पट प्रैक्टिस है। इही दलील इलेक्ट्रोनिक अते पेपर मीडिया ऊपर भी लागू हुन्दी है। इही हाल पंजाब प्रांत दी ट्रांसपोरट दा है। स्टेट ट्रांसपोरट नूं मजबूत अते सस्ता बणाके लोक सेवा योग बनाउना सरकार दी जुमेंवारी है। पर पंजाब विच अजेहा करन दी थां इसनूं सरकारी जबर नाल निजी अजारेदारी हेठ ल्यांदा गया है। खुदगर्जी दी भावनां हेठ किराए लोड़ तों बहुत ज्यादा वधाए गए हन।। जिसदा बोझ गरीब वर्ग ऊपर मारू साबित हो रेहा है। स्टेट ट्रांसपोरट नूं गिनी मिथी साजिश तहत दिवालिया बना दिता गया है। वधाए गए किराए लोकां नाल बेइनसाफी ही नही सगों साही जुल्म अते शाही लूट है। क्रप्पट प्रैक्टिस दियां ज्यादा उदाहरणां देना इथे गैर जरूरी होवे गा। पर जरा वेरवे नाल घोखन तों सैंकड़े अजेहियां क्रप्पट प्रैकटिसज साहमने आ जान गियां जो पंजाब वासियां दी लूट खोह दा कारन हन।। पर पंजाबियां नूं इसदा अहसास भी नहीं है। लुटेरा शाही शब्द सभ प्रकार दियां लोक दुश्मन नीतियां वॉ काररवाईंआं नूं द्रसाउंदा है।