.... तीन नवें पाबर पलांट: थोरियम, हैवीवाटर, प्रदूसन रहत यूरेनियम, लगाए जान गे।। पूरी बिजली, खेती 1 रुपए, घरेलू 2 रुपए, सनअत 3 रुपए, 24 घंट मिले गी। मुक्ख मंतरी ते मंतरआँ दी तनखाह इक रुपए महीना, भ्रिसटाचार दी कमायी नाल बणाईआं जायदादां जब्त, धर्म तो राजनीति वक्खरी, दुकानदार कर मुक्त, वायी फायी फ्री, 16 साल दी उम्र विच बालग, पूरे वेरवे लइी देखो 100+ परण पतर।

        

 B14 बादल मनमोहन शांझ पंजाब दी तबाही
 
बादल साहब दे खानदान विच्च मेरिया दो तिन्न रिसतेदारिया हन।। मेरे सहुरा परिवार दी डब्बवाली ट्रासपोर्ट कम्पनी विच्च हिस्सेदारी भी सी। इस करके मैनूं उत्थे काफी आउना जाना पैदा सी। इस इलाके दे लोकां दा अखान सी की बादल साहब आपने परिवार तो बाहर किसे नूं जूं तक नही दिन्दे।। सायद इह अखान किस वीर नूं बुरा लग्गे। पर इह लोकां दा उहनां दे सुभा प्रति नजरिया जाहर करदा है।
 
हून इस सोच वाले विअकती ने मक्कड़ साहब नूं 10 अरब असल विच 50 अरब दे बजट वाली गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी आपने परवार तों बाहर क्यू संभाली होयी है। जदों तों स मनमोहन सिंह भारत सरकार ते काबज होए।। मक्कड़ साहब गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी ते काबज कर दिते गए। मक्कड़ साहब स मनमोहन सिंह दे रिसतेदार हन जां उहना दे परिवार दे नजदीकी इह जानना वोटरां दी जुमेंवारी है जेहनां दा भविख तबाह हो रेहा है। पर इह इक सचायी है की मनमोहन सिंह नूं ख्रीदन दा इह इक बादलशाही फार्मूला है। आपने पंथ जिसने बादलशाही नूं राजभाग दिता उसदे अरबां रुपए किसे विअकती नूं, आपने विअकतीगत लालच लई लुटा देणे बादल शाही दी राज नहीं सेवा दी इक मिशाल है।
 
स मनटेक सिंह आहलुवालिया स मनमोहन सिंह दे बहुत नजदीक समझे जादे सन्। आप भी पलैनिंग बोर्ड दे चेअरमैन होन् दे नाते हिन्दोस्तान दी मुक्ख हस्ती हन।। सुण्या है की उहना दी नूंह बादल साहब ने पंजाब पलैनिंग बोर्ड दी वाइस चेअरमैन बणायी होयी है। होर बहुत सारिया साझां सुन्न नूं मिल रहिया हन।। पर इहना नूं घोखन दी जिमेंवारी पंजाब दे वोटर दी है जिसने आपने भविख दा फैसला आप करना है। जिसने आपने बच्यां दे भविख दा फैसला करना है। मैं तां दम दा दम ही हां।।
 
केहा जादा है की स मनमोहन सिंह जी ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह जी दी सरकार तों ज्यादा गरांट स प्रकास सिंह जी दी सरकार नूं दित्ती है। इह गल्ल वक्खरी है की इस दा लाभ पंजाब दी जनता नूं नही होया। क्युकि इह रकम पंजाब दे विकास उप्पर खर्च नहीं कीती गई। बल्कि संगत दरसन राही आपण्या चहेत्या नूं ही वंड दित्ती गई।
 
की संगत दरसन राहीं केंदरी गरांटां दी गलत वरतों रोकन दी जिंमेदारी स मनमोहन सिंह जी दी नहीं सी की नरेगा फंड दी गलत वरतों रोकन दी जिंमेदारी स मनमोहन सिंह जी दी नहीं सी की पंजाब विच्च भारती संविधान लागू करन दी जिंमेंदारी स मनमोहन सिंह दी नही सी अज्ज पंजाब दी सारी ट्रासपोर्ट जायज जनायज ढंग नाल इक्क परवार दे कब्जे विच्च चली गई है। कित्थे है स मनमोहन सिंह जी दा मनोपली रिसटरैकसन एक्ट पंजाब दी समुच्ची केबल उप्पर बादलसाही दा जबरी कब्जा है। पंजाब दा इलकैटरोनिक मीडिया वी धके शाही नाल इनां दे हत्थां विच्च है। प्रेस मीडिया वी अण् समाजिक ढंग नाल प्रभावित किता होया है। इस सभ नूं नेसनल उदेसां दी विरोधिता करन लई वरत्या जा रेहा है। किथे है प्रेस दी अजादी? किथे है अवाज दी अजादी? किथे है ह्यूमन राईटज दे सिधांत? किथे है सिबल लिबरटीज? की इह सभ कुझ मनमोहन सिंह जी नूं नही दिस्स रेहा सी
 
पंजाब विच्च अज्ज जुल्म जबर कतलाम झूठे केस तस्करी नशाखोरी दा माहौल है। इस दा इकौ इक हल्ल है अजेहे केसां दी पड़ताल सी बी आई करे। सी बी आई कोल केस तिन्न रसत्यां नाल लिजायआ जा सकदा है। पंजाब सरकार मानयोग हाईकोर्ट अते प्राइम मनिस्टर सहब राहीं।। सी बी आई प्राइम मनिस्टर दे अधीन है। मानयोग हाईकोर्ट वलों भेजे केस सालां तक्क लटका दित्ते जादे हन।। स्टाफ घट होन् दी दलील दित्ती जांदी है। पर इह बहानां सिर्फ पंजाब नाल सबंधित केसां लई है। जे स मनमोहन सिंह अते बादल शाही दी अन्दरूनी सांझ ना हुन्दी तां पंजाब दी जुर्म परस्ती पखों जो दुरदिसा अज है उह बिल्कुल नहीं सी होणी।। अज भिशटाचार पंजाब दा शाही धर्म बण गया है। अज वढ्ही देनी लेनी किसे नूं बुरी नहीं लगदी। अज भिशटाचार दा विरोध करन वाले नूं पुरातन ख्यालिया समझया जांदा है।
 
पंजाब विच्च अत्याचार लुट्टां खोहां जुल्म लैड माफिया आपने जोबन उते है। लोक प्रांईम मनिस्टर जी नूं दरखाशत दे के आपने नाल होयी बेइनसाफी दी पड़ताल सी बी आई जां किसे केदरी परोब तों करवा सकन दा अधिकार रक्खदे हन।। जे स मनमोहन सिंह लुटेरा शाही दी रख्या ना करदे तां लुटां खोहां लैंड माफिया झूठे राजनीतक केस वगैरा नाल सबंधित हजारां दरखासतां सी बी आई कोल पहुंच चुकियां हुन्दियां।। सैंकड़े भिशटाचारी राजनीतक लैंड माफिया झूठे मकद्दमे बनाउन वाले पुलिस अफसर जेहलां विच पहुंच चुके हुन्दे।। की स मनमोहन सिंह जी ने किसे इक्क वी दुख्यारे दी फरयाद सी बी आई कोल भेजी है की स मनमोहन सिंह जी बादलसाही दे जबर जुल्म भ्रिट्टाचार दी रक्ख्या नही करदे रहे
 
पंजाब कांगरस दे सिधांतिक विरोधी अते सर बादल दे निज्जी दोस्त मनोहर सिंह गिल्ल नूं सर मनमोहन सिंह जी ने स बादल शाही दे अहसान कारन आपनी कैबनिट विच ले लया। मनमोहन सिंह दी सरकार ते बादल सहब दा प्रभाव रेहा।। इसे कारन देस बड़ी= तेजी नाल भ्रिसटाचार वल्ल वध्या।। भारत दुनियां दे भ्रिसटाचारी देसां विच गिण्या जान लगा। सनअत पछड़ गई। देस नित्त वरतों दियां चीजां लई चीन ऊपर निर्भर होन् लग्गा। रुपईए दी कीमत डिग्ग पई।।।
 
मेरे सरवेखन अनुसार तां कांगरस दी हार अते अजोकी दुर्गति दा कारन स मनमोहन सिंह अते स बादल सहब दी कूटनीति ही है। भांवें कुझ वीरां नूं इह ठीक ना लगे पर इह असलियत है। स मनमोहन सिंह जी ने सोनियां राहुल नूं पंजाब इक बॉर्डर स्टेट होन् दा वास्ता पाके अते इह यकीन दुआके की सिर्फ बादल सहब ही हन जो पंजाब नूं अतिवाद तों बचा सकदे हन बादलशाही नूं पूरी लूट खोह अते मनमांनियां करन दी खुली छूटी दिवाई।।
 
हून इक नवां सुआल पैदा हो गया की की बादल सहब मोदी सहब ते भी आपना गुन मंतर लागू कर सकदे हन? भांवें बादल सहब सुरू तों ही मोदी सहब दे विरोधी कैम्प विच ही रहे हन।। मिशाल वजों ममता बैनर्जी दा नाम लया जा सकदा है। पर जद तों बादल सहब नूं कांगरस दी होन् वाली दुर्गति दा अहसास होया है अते मोदी सहब दा आउना यकीनी जापन लगा है उस समें तों ही उहनां मोदी सहब दे चक्र मारने सुरू कर दिते सन्।
 
हून दूसरा सुआल पैदा हुन्दा है की की मोदी सहब आपने चोन मैनिफैस्टो विचले मुख उदेस भारत विचों भृष्टाचार दूर करन दी पालना करन गे जां बादल सहब दी चाणकिया नीति दा शिकार होके सभ कुझ जाणदे होई अक्खां मिच लेन गे मेरा ख्याल है की उह आपने उदेस दी पालना करन गे पर इस वारे वेरवे नाल विचार अगे किता जावे गा।