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राजनीति में कुछ भी तय नहीं होता, 002

कभी भी कुछ भी हो सकता है। कांग्रेस और Aam Aadmi Party के बीच भी कुछ ऐसा ही चल रहा है दोनों के सुर मिलते दिख  रहे हैं।

New Delhi Jan 26 : Aam Aadmi Party का उदय आंदोलन की राजनीति से हुआ था, उस वक्त केंद्र और दिल्ली दोनों जगह पर Congress का राज था।Congress के खिलाफ हमलों ने केजरीवाल को नेता का मुकाम दिलाया और उसके बाद उसी कांग्रेस के समर्थन से केजरीवाल ने दिल्ली में सरकार बनाई, हलांकि सरकार ज्यादा दिन तक चल नहीं पाई, लेकिन उसके बाद से केजरीवाल के सुर कांग्रेस के लिए नरम पड़ते चले गए। अरविंद केजरीवाल के निशाने पर केंद्र में सरकार बनाने वाली बीजेपी आ गई। केंद्र में बीजेपी और दिल्ली में केजरीवाल, टकराव और वार पलटवार के बीच राजनीति चलती रही।

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दो घटनाओं से पास आए कांग्रेस-केजरीवाल

हाल के दिनोंमें दो ऐसी घटनाएं हुई जिनसे भविष्य की राजनीति की दशा और दिशा तय हो सकती है। एक तरफ केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया तो वहीं दूसरी तरफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजिनक किया। दोनों घटनाओं का संबंध कांग्रेस से है। कांग्रेस का हमलावर होना लाजमि था और उसने केंद्र सरकार पर अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए जोरदार हमला साधा, Congress को इस हमले में केजरीवाल का भी सहयोग मिला। केजरीवाल ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए ये तक कह दिया कि अरुणाचल में संविधान की हत्या करने के बाद केंद्र सरकार दिल्ली में भी राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है।

कांग्रेस को राहत दी AAP ने

नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों के सार्वजनिक होने के बाद एक खत को लेकर खासा विवाद हो रहा है। बताया जा रहा है कि ये खत पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने तत्कालीन ब्रिटिश पीएम एटली को लिखा था, इस में नेहरू ने सुभाष चंद्र बोस को युद्ध अपराधी माना था। इसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए जवाब मांगा तो वहीं कांग्रेस ने इस खत को फर्जी करार देते हुए कहा कि बीजेपी गांधी नेहरू परिवार को बदनाम कर रही है। इसी मुद्दे पर AAP नेताओं ने कांग्रेस के लिए राहत का काम किया है। AAP नेता आशुतोष ने कहा कि जिस खत को नेहरू का खत बताया जा रहा है वो फर्जी है।