Delhi की तीनों कंपनियों ने कीमत बढ़ाने की याचिका DERC के पास भेजी.
004
New Delhi, April 28 : Delhi में अब एक बार फिर बिजली की कीमतें बढ़ सकती है. इसकी सुगबुगाहट तेज होने लगी है. Delhi बिजली की वितरण करने वाली तीनों कंपनियों ने कीमत बढ़ाने की अपनी–अपनी याचिका DERC यानी दिल्ली विद्युत विनिमायक आयोग के पास भेज दी है. अगर इन कंपनियों की मांग मान ली जाती है, तो बिजली की कीमत बढ़ना तय है. ऐसे में इस गर्मी में परेशानी सिर्फ गर्मी से नहीं बल्की बिजली की कीमत से भी होगी.
बिजली की कीमतों में 10-15 फीसदी बढ़ोतरी संभव !
Read Also : आप सरकार और गुजरात मॉडल की तुलना होनी चाहिए- Arvind Kejriwal
बिजली कंपनियों ने DERC के पास जो हिसाब–किताब भेजा है, उसमें पिछले साल उन्हें कमाई के मुकाबले करीब 2200 करोड़ ज्यादा खर्च करने पड़े हैं. एक बार फिर BSES की दो कंपनियों औरTata Power Distribution Limited ने कहा है कि उनके घाटे को कम करने के लिए बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी जरूरी होगी.हालांकि इस याचिका में कंपनियों ने ये नहीं बताया है कि उन्हें कितनी बढ़ोतरी चाहिए. लेकिन जानकारों की मानें तो 2200 करोड़ का घाटा अगर DERC मान लेती है तो 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.
तीनों को करोड़ों का नुकसान
DERC के पास तीनों कंपनियों ने अलग–अलग याचिका सौंपी है. सूत्रों का कहना है कि दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली कंपनी BSES RAJDHANI ने पिछले वित्तीय साल में तकरीबन 900 करोड़ रुपए का नुकसान याचिका में दिखाया है. वहीं पूर्वी और सेंट्रल दिल्ली में वितरण करने वाली कंपनीBSES YAMUNA ने भी 600 करोड़ का नुकसान बताया है. वहीं सूत्रों का कहना है कि उत्तरी दिल्ली में वितरण संभालने वाली टाटा की कंपनी TPDDL ने तकरीबन700 करोड़ के नुकसान की बात अपनी याचिका में कही है.
सियासत के बीच याचिका के मंजूरी पर सवाल !
पिछले साल Delhi में Kejriwal सरकार बनने के बाद कंपनियों की याचिका के बावजूद DERC ने बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला लिया था.इसी साल आम आदमी पार्टी सरकार ने कृष्णा सैनी की नियुक्ति नए DERCप्रमुख के तौर पर की है. अब भी DERC के तीन सदस्यों में से एक जगह खाली ही पड़ी है. इसलिए कंपनियों ने याचिका तो सौंप दी है, लेकिन Delhiमें बिजली पर होने वाली सियासत के बीच ये याचिका मंजूर होगी, ऐसा फिलहाल मुश्किल ही दिखता है. क्योंकि अभी एमसीडी में उप चुनाव है, इसके बाद तैयारी एमसीडी चुनाव की हो जाएगी.