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अधिकारों की जंग में Arvind Kejriwal झटके क्यों खा रहे हैं?
By ITN Network
FREE HITAPRIL 21, 2016
दरअसल Arvind Kejriwal सरकार ने तिहाड़ जेल के महानिदेशक के पद पर जेके शर्मा की नियुक्ति कर दी थी। लेकिन पेंच ये फंस गया कि इसके लिए उन्होने एलजी की मंजूरी नहीं ली थी। मंजूरी न लेने के कारण एलजी नजीब जंग ने तिहाड़ के महानिदेशक के पद पर जेके शर्मा की नियुक्ति को निरस्त कर दिया। जेके शर्मा दिल्ली होम गार्ड्स के महानिदेशक के पद पर तैनात थे। उन्होने तिहाड़ के महानिदेशक का पद संभाल भी लिया था।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने जेके शर्मा को तिहाड़ जेल के महानिदेशक के पद पर तैनात किया था। तिहाड़ में महानिदेशक का पद आलोक वर्मा के दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनने के बाद से खाली पड़ा था। लंबे समय से पद खाली पड़ा था इसलिए Arvind Kejriwal ने इस पर जेके शर्मा का नियुक्ति कर दी थी। लेकिन इस फैसले के फौरन बाद एलजी दफ्तर से संदेश आया कि फैसले से पहले उनकी मंजूरी नहीं ली थी।
आपको बता दें कि जके शर्मा को तिहाड़ का महानिदेशक बनाए जाने का आदेश गृह विभाग की तरफ से जारी किया गया था। आदेश में कहा गया था कि इस पद पर शर्मा की नियुक्ति अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी। इसके बाद जेके शर्मा ने काम भी संभाल लिया था। लेकिन अब उनके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। तिहाड़ के महानिदेशक पद पर उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई है।
इस तरह देखा जाए तो दिल्ली सरकार चलाने के लिए Arvind Kejriwal न्यायपालिका का सहारा ले रहे हैं। संविधान के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास सीमित शक्तियां होती हैं। हर मौके पर संविधान की दुहाई देने वाले अरविंद केजरीवाल दिल्ली में सरकार चलाते समय संविधान को न्यायपालिका में चुनौती देते रहते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि अरविंद केजरीवाल के काम से दिल्ली खुश है, लेकिन ये खुशी उस वक्त तक है जब तक जनता केजरीवाल के वादों को भूली बैठ है। जिस दिन जनता ने केजरीवाल सरकार से फ्री वाई-फाई, 15 लाख सीसीटीवी कैमरों, 500 स्कूलों और कॉलेजों का हिसाब मांग लिया तो उस दिन Arvind Kejriwal से जवाब नहीं देते बनेगा। और वो झटका इन सारे झटकों से बड़ा और घातक होगा।