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भागवत, महाजन के बाद Kumar Vishwas ने भी की आरक्षण के समीक्षा की वकालत !
By ITN Network INDIAJANUARY 25, 2016
आम आदमी पार्टी के नेता Kumar Vishvas ने आरक्षण जाति के आधार पर नहीं आर्थिक आधार पर करने की मांग की
New Delhi, Jan 25 : आरक्षण विवाद में आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास भी कूद पड़े है, कुमार विश्वास ने कहा कि जाति नहीं आर्थिक आधार पर आरक्षण होना चाहिए, इससे दो दिन पहले लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा था कि जातिगत आरक्षण के लिए नेता ही दोषी है, जिसके बाद कांग्रेस और विपक्षी पार्टीयों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
कुमार विश्वास के इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो सकता है, आरक्षण पर ये बयान कुमार विश्वास ने गुजरात के अहमदाबाद में दिया है, यहां वो आईआईएम के एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।
इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था, कि आरक्षण पर पुनर्विचार होना चाहिए जिसके बाद केन्द्र सरकार को इस पर सफाई देने के बावजूद बिहार चुनाव में करारी हार मिली। मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण को हमेशा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसकी समीक्षा की जानी चाहिए।
भागवत, महाजन के बाद Kumar Vishwas ने भी की आरक्षण के समीक्षा की वकालत !
आरक्षण का आधार क्या है ?
भारतीय संविधान के अनुसार सामाजिक और शैक्षणिक रुप से पिछड़े जाति और वर्गो के लिए आरक्षण का प्रावधान है, इसी को ध्यान में रखकर संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ने अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की थी। लेकिन बाद में 90 के दशक में मंडल कमीशऩ की सिफारिशों के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई। यानि मौजूदा समय में कुल 49 प्रतिशत आरक्षण है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश में 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं की जा सकती लेकिन विशेष परिस्थितियों में कुछ राज्यों में ये 50 प्रतिशत से भी ज्यादा है, तमिलनाडु में 69 प्रतिशत तक आरक्षण है, उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा है।