तीन नवें पाबर पलांट: थोरियम, हैवीवाटर, प्रदूसन रहत यूरेनियम, लगाए जान गे।। पूरी बिजली खेती 1 रुपए, घरेलू 2 रुपए, सनअत 3 रुपए, 24 घंट मिले गी। मुक्ख मंतरी ते मंतरआँ दी तनखाह इक रुपए महीना, भ्रिसटाचार दी कमायी नाल बणाईआं जायदादां जब्त, धर्म तोन् राजनीति वक्खरी, दुकानदार कर मुक्त, वायी फायी फ्री, 16 साल दी उम्र विच बालग, देखो परण पतर।
        
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137 आरक्षण को लेकर AAP का रवैया पारदर्शी नहीं

 Mukesh Kumar

By ITN Network

केजरीवाल रोहित वेमुला की खुदकुशी के मौके पर हैदराबाद भी पहुँच गए थे और उन्होंने ये जताने की कोशिश की थी कि वे दलितों के हितैषी हैं

New Delhi, Jan 25 : आरक्षण के सवाल पर आम आदमी पार्टी (AAP) का रवैया शुरू से ही पारदर्शी नहीं रहा है। अव्वल तो उसने चुप्पी से काम लिया। फिर उसका कोई नेता कुछ बोलता रहा और कोई कुछ और। बाद में निजी राय बताकर पीछा छुड़ा गया, मगर ये नहीं बताया गया कि पार्टी की राय क्या है? ये दोहरापन बताता है कि पार्टी साफगोई से काम नहीं ले रही। चूँकि अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी का आरक्षण के मामले में अतीत इस तरह का रहा है इसलिए आशंकाएं और संदेहों को बल मिलता है।

योगेंद्र यादव की विदाई के पीछे एक कारण ये भी बताया गया था कि वे आरक्षण के संबंध में पार्टी की नीति को स्पष्ट कर रहे थे। वे आरक्षण के पक्ष में थे, मगर दूसरा गुट ऐसा नहीं चाहता था।

हाल में केजरीवाल रोहित वेमुला की खुदकुशी के मौके पर हैदराबाद भी पहुँच गए थे और उन्होंने ये जताने की कोशिश की थी कि वे दलितों के हितैषी हैं। लेकिन लोगों को समझ में रहा था कि वे इस घटना का इस्तेमाल मोदी पर हमला करने के लिए कर रहे हैं। अगर ऐसा नहीं है तो उन्हें और उनकी पार्टी को लुका-छिपी का खेल बंद करके ऐलान करना चाहिए कि उसका स्टैंड क्या है?


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