138 ऑड
इवेन
को
फेल
करने
के
लिए
फर्जी
सीएनजी
स्टिकर
लगी
कार
सड़कों
पर
दौड़
रही
है !
By ITN Network DELHI
Delhi की
सड़कों
पर
करीब 3
लाख 80
सीएनजी
की
फर्जी
स्टीकर
लगी
कार
दौड़
रही
है।
अब
दिल्ली
सरकार
इन
फर्जी
स्टीकर
वाले
कार
मालिकों
से
निपटने
के
लिए
दिल्ली
के
अलग-अलग 11
जोन
में
परिवहन
विभाग,
यातायात
पुलिस
और
राजस्व
विभाग
की
टीम
मिलकर
संयुक्त
अभियान
चलाएगी।
New Delhi, Apr 25 : दिल्ली
में
प्रदूषण
पर
नियंत्रण
लगाने
के
लिए
दिल्ली
सरकार
ने
ऑड-इवेन
फॉर्मूला
दुबारा
से
लागू
कर
दिया
है। 15
से 30
अप्रैल
तक
ये
लागू
रहेगा।
बताया
जा
रहा
है
कि
इस
फॉर्मूले
से
प्रदूषण
कम
हो
ना
हो
दिल्ली
की
सड़कों
से
ट्रैफिक
जरुर
कम
हो
गया
है,
लेकिन
अब
दिल्ली
के
लोग
इस
फॉर्मूले
से
बचने
के
लिए
तरह-तरह
के
उपाय
ढ़ूढ़
रहे
है।
पहली
बार
तो
दिल्ली
की
जनता
ने
केजरीवाल
सरकार
के
इस
फैसले
का
स्वागत
किया
और
पूरी
तरीके
से
इसका
पालन
किया,
लेकिन
इस
बार
पहले
की
तरह
दिल्ली
की
जनता
में
उत्साह
नहीं
दिख
रहा,
यही
कारण
है
कि
लोग
दूसरे
विकल्पों
की
तरफ
भी
देखने
लगे
है।
बताया
जा
रहा
है
कि
दिल्ली
की
सड़कों
पर
करीब 3
लाख 80
सीएनजी
की
फर्जी
स्टीकर
लगी
कार
दौड़
रही
है।
अब
दिल्ली
सरकार
इन
फर्जी
स्टीकर
वाले
कार
मालिकों
से
निपटने
के
लिए
दिल्ली
के
अलग-अलग 11
जोन
में
परिवहन
विभाग,
यातायात
पुलिस
और
राजस्व
विभाग
की
टीम
मिलकर
संयुक्त
अभियान
चलाएगी।
अभियान
के
तहत
दिल्ली
के
चौक-चौराहों,
अस्पताल
सरकारी
भवनों
की
पार्किग
में
चेकिंग
की
जाएगी,
परिवहन
विभाग
रे
आला
अधिकारियों
के
अनुसार
दिल्ली
में
करीब 4.20
लाख
सीएनजी
स्टीकर
बांटे
गए
है,
जबकि
दिल्ली
में 8
लाख
के
करीब
सीएनजी
स्टीकर
लगी
कार
दौड़
रही
है।
इन्हीं
फर्जी 3.80
लाख
सीएनजी
स्टीकर
लगी
कार
से
निपटने
के
लिए
दिल्ली
सरकार
तैयारी
कर
रही
है,
उनका
कहना
है
कि
ऑड-ईवेन
को
फेल
करने
के
लिए
विरोधी
इस
तरह
की
साजिश
कर
रहे
हैं।
ज्ञात
हो
कि
आईजीएल
ने
पिछली
बार
ऑड-ईवेन
के
दौरान
करीब 3.90
लाख
सीएनजी
स्टीकर
वितरित
किए
थे,
इस
बार
करीब 20
हजार
स्टीकर
बांटे
गए
हैं।
दिल्ली
सरकार
ने
कहा
है
कि
जो
भी
फर्जी
स्टीकर
लगाकर
कार
चलाता
मिलेगा
उसके
खिलाफ
कड़ी
कार्रवाई
की
जाएगी।
इन
पर
जुर्माने
के
साथ-साथ
नजदीक
के
पुलिस
थाने
में
मामला
भी
दर्ज
कराया
जाएगा।
ऑड-इवेन
के
करीब 10
दिन
बीत
जाने
के
बाद
भी
रिंग
रोड
से
जाम
की
समस्या
खत्म
नहीं
हो
रही
है।
दिल्ली
के
परिवहन
मंत्री
गोपाल
राय
ने
कहा
कि
वो
खुद
इस
समस्या
की
समीक्षा
कर
रहे
है।
दिल्ली
की
सड़कों
पर
मेट्रो
का
निर्माण
और
बसों
में
ब्रेक
डाउन
की
समस्या
जाम
के
लिए
सबसे
बड़ा
कारण
है।
जाम
की
समस्या
से
निपटने
के
लिए
विशेष
तैयारी
की
जा
रही
है।
हर
जाम
लगने
वाले
इलाकों
की
पहचान
कर
वहां
अतिरिक्त
यातायात
पुलिस
के
अलावा
सिविल
डिफेंस
कर्मियों
की
भी
तैनाती
की
जाएगी।