143 जेल
में
दखल, LG
और
Kejriwal
में
एक
बार
फिर
ठनी !
FREE HITAPRIL 20, 2016
Arvind Kejriwal
की
सरकार
ने 1982
बैच
के IPS
अफसर
जे
के
शर्मा
को
तिहाड़
जेल
का
नया DG
या
महानिदेशक
का
कामकाज
सौंपा
है।
लेकिन, LG
आफिस
के
सूत्रों
के
मुताबिक
तिहाड़
के DG
की
नियुक्ति
गलत
तरीके
से
की
गई
है।
New Delhi, Apr 20 :
दिल्ली
के
मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal
और
दिल्ली
के
उपराज्यपाल
यानी LG
नजीब
जंग
के
बीच
के
रिश्ते
कैसे
हैं
ये
किसी
को
बताने
की
जरुरत
नहीं।
हर
बार
किसी
ना
किसी
मसले
को
लेकर
दोनों
में
जंग
होती
ही
रहती
है।
अधिकारों
की
ये
सुप्रीम
कोर्ट
भी
पहुंची
थी।
लेकिन,
वहां
से Arvind Kejriwal
की
सरकार
को
झटका
लग
चुका
है।
इसी
बीच
एक
बार
फिर Arvind Kejriwal
और LG
नजीब
जंग
के
बीच
तनातनी
की
खबरें
सामने
आ
गई
हैं।
इस
बार
तनातनी
की
वजह
तिहाड़
जेल
है।
दरअसल Arvind Kejriwal
की
सरकार
ने 1982
बैच
के IPS
अफसर
जे
के
शर्मा
को
तिहाड़
जेल
का
नया DG
या
महानिदेशक
का
कामकाज
सौंपा
है।
लेकिन, LG
आफिस
के
सूत्रों
के
मुताबिक
तिहाड़
के DG
की
नियुक्ति
गलत
तरीके
से
की
गई
है।
लिहाजा
इसे
रद्द
माना
जाए।
बताया
जा
रहा
है
कि
इस
बात
की
जानकारी LG
आफिस
की
ओर
से
दिल्ली
सरकार
को
दे
दी
गई
है।
आलोक
वर्मा
को
दिल्ली
पुलिस
का
कमिश्नर
बनाए
जाने
के
बाद
से
तिहाड़
के DG
का
पद
खाली
पड़ा
हुआ
था।
इतने
लंबे
समय
तक
तिहाड़
के
महानिदेशक
का
पद
खाली
रहने
के
बाद Arvind Kejriwal
की
सरकार
ने
इस
पद
पर
जे
के
शर्मा
की
तैनाती
कर
दी।
तैनाती
के
बाद
जेके
शर्मा
अपना
कामकाज
भी
संभाल
चुके
हैं।
वो
जेल
अधिकारियों
के
साथ
जेल
मुख्यालय
में
मीटिंग
भी
कर
चुके
हैं
और
आगे
की
रणनीति
भी
बना
चुके
हैं।
यानी Arvind Kejriwal
की
सरकार
के
आदेश
पर
जे
के
शर्मा
का
काम
जारी
है।
लेकिन,
उपराज्यपाल
यानी LG
नजीब
जंग
के
दफ्तर
ने
एक
बार
फिर
इस
नियुक्ति
पर
पेंच
फंसा
दिया
है।
जिसको
को
लेकर
एक
बार
फिर Arvind Kejriwal
और LG
के
बीच
तनातनी
बढ़
गई
है।
इससे
पहले
भी
कई
बार
अफसरों
की
नियुक्ति
को
लेकर Arvind Kejriwal
सरकार
के
गृह
विभाग
और LG
आफिस
के
बीच
टकराव
हो
चुका
है।
हालांकि
दिल्ली
सरकार
के
सूत्रों
के
मुताबिक
गृह
विभाग
की
ओर
से
आदेश
जारी
कर IPS
अफसर
जेके
शर्मा
को
तिहाड़
जेल
के
महानिदेशक
का
अतिरिक्त
कार्यभार
सौंपा
गया
है।
वर्तमान
में
जेके
शर्मा
की
तैनाती
महानिदेशक
होम
गार्ड्स
के
पद
पर
है।
अरविन्द
केजरीवाल
की
सरकार
और LG
के
बीच
अधिकारों
की
ये
जंग
सुप्रीम
कोर्ट
तक
पहुंच
गई
थी।
लेकिन,
मंगलवार
को
ही
इस
केस
में
दिल्ली
सरकार
को
बड़ा
झटका
लगा
था।
सुप्रीम
कोर्ट
से
दिल्ली
सरकार
को
अपनी
याचिका
वापस
लेनी
पड़ी
थी।
इस
याचिका
में
अरविन्द
केजरीवाल
की
सरकार
ने
उपराज्यपाल
के
अधिकारों
की
सीमा
तय
करने
से
संबंधित
मामले
की
सुनवाई
के
लिए
दिल्ली
हाईकोर्ट
की
बड़ी
पीठ
गठित
करने
की
गुहार
लगाई
थी।
दिल्ली
सरकार
की
इस
मांग
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
खारिज
कर
दिया
था।