144 दिल्ली
जनलोकपाल
बिल 2015’
दिल्ली
जनलोकपाल
बिल 2015’ के
मुताबिक
इसमें
अध्यक्ष
के
अलावा
दस
लोगों
की
कमेटी
होगी।
जिसमें
पांच
लोग
रिटायर्ड
जज,
वकील
या
दूसरे
कानूनविद
हो
सकते
हैं।
लेकिन,
उनके
पास
कम
से
कम 20
साल
का
अनुभव
हो।
पांच
सदस्य
समाज
के
अलग-अलग
से
हिस्से
से
ताल्लुक
रखने
वाले
होंगे।
जनलोकपाल
का
चुनाव
पूरी
तरह
राजनीति
से
मुक्त
होगा।
जनलोकपाल
के
चुनाव
में
किसी
भी
एक
व्यक्ति
का
विशेषाधिकार
नहीं
चलेगा।
जनलोकपाल
पूरी
तरह
स्वायत्त
संस्था
होगी।
इसके
दायरे
में
मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री
समेत
सभी
मंत्री
आएंगे।
जनलोकपाल
बिल
के
तहत
मिलने
वाली
शिकायतों
के
खिलाफ 6 महीने
में
जांच
पूरी
करनी
होगी
और
इतना
ही
वक्त
सुनवाई
खत्म
करने
के
लिए
मिलेगा।
यानी
साल
भर
के
भीतर
हर
शिकायत
का
निपटारा
करना
होगा।
बिल
के
मुताबिक
भ्रष्टाचार
में
लिप्त
पाए
जाने
पर
संपत्ति
ज़ब्त
करने
का
प्रावधान
होगा।
जनलोकपाल
के
काम
में
सरकार
का
कोई
हस्तक्षेप
नहीं
होगा।
जनलोकपाल
बिल
को
सजा
देने
का
पूरा
अधिकार
होगा।
जनलोकपाल
बिल
के
फैसले
को
सिर्फ
हाईकोर्ट
में
ही
चुनौती
दी
जा
सकेगी।
भ्रष्टाचार
के
मामले
में
दोषी
पाए
जाने
पर
आर्थिक
दंड
का
भी
प्रावधान
होगा।
इसके
अलावा ‘दिल्ली
जनलोकपाल
बिल 2015’ में
कई
और
कड़े
नियम
बनाए
गए
हैं।
इन
नियमों
की
घेरेबंदी
में
अब
भ्रष्टाचारियों
का
बच
पाना
बेहद
मुश्किल
होगा।
सिटीजन
चार्टर
और
व्हिसलब्लोवर
को
भी
इस
दायरे
में
लाया
जा
सकता
है।