जेल’ में दखल LG और Kejriwal में एक बार फिर ठनी !
FREE HITAPRIL 20, 2016
Arvind Kejriwal की सरकार ने 1982 बैच के IPS अफसर जे के शर्मा को तिहाड़ जेल का नया DG या महानिदेशक का कामकाज सौंपा है। लेकिन, LG आफिस के सूत्रों के मुताबिक तिहाड़ के DG की नियुक्ति गलत तरीके से की गई है।
New Delhi, Apr 20 : दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal और दिल्ली के उपराज्यपाल यानी LG नजीब जंग के बीच के रिश्ते कैसे हैं ये किसी को बताने की जरुरत नहीं। हर बार किसी ना किसी मसले को लेकर दोनों में जंग होती ही रहती है। अधिकारों की ये सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची थी। लेकिन, वहां से Arvind Kejriwal की सरकार को झटका लग चुका है। इसी बीच एक बार फिर Arvind Kejriwal और LG नजीब जंग के बीच तनातनी की खबरें सामने आ गई हैं। इस बार तनातनी की वजह तिहाड़ जेल है।
दरअसल Arvind Kejriwal की सरकार ने 1982 बैच के IPS अफसर जे के शर्मा को तिहाड़ जेल का नया DG या महानिदेशक का कामकाज सौंपा है। लेकिन, LG आफिस के सूत्रों के मुताबिक तिहाड़ के DG की नियुक्ति गलत तरीके से की गई है। लिहाजा इसे रद्द माना जाए। बताया जा रहा है कि इस बात की जानकारी LG आफिस की ओर से दिल्ली सरकार को दे दी गई है। आलोक वर्मा को दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनाए जाने के बाद से तिहाड़ के DG का पद खाली पड़ा हुआ था। इतने लंबे समय तक तिहाड़ के महानिदेशक का पद खाली रहने के बाद Arvind Kejriwal की सरकार ने इस पद पर जे के शर्मा की तैनाती कर दी।
तैनाती के बाद जेके शर्मा अपना कामकाज भी संभाल चुके हैं। वो जेल अधिकारियों के साथ जेल मुख्यालय में मीटिंग भी कर चुके हैं और आगे की रणनीति भी बना चुके हैं। यानी Arvind Kejriwal की सरकार के आदेश पर जे के शर्मा का काम जारी है। लेकिन, उपराज्यपाल यानी LG नजीब जंग के दफ्तर ने एक बार फिर इस नियुक्ति पर पेंच फंसा दिया है। जिसको को लेकर एक बार फिर Arvind Kejriwal और LG के बीच तनातनी बढ़ गई है। इससे पहले भी कई बार अफसरों की नियुक्ति को लेकर Arvind Kejriwal सरकार के गृह विभाग और LG आफिस के बीच टकराव हो चुका है। हालांकि दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक गृह विभाग की ओर से आदेश जारी कर IPS अफसर जेके शर्मा को तिहाड़ जेल के महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। वर्तमान में जेके शर्मा की तैनाती महानिदेशक होम गार्ड्स के पद पर है।
अरविन्द केजरीवाल की सरकार और LG के बीच अधिकारों की ये जंग सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई थी। लेकिन, मंगलवार को ही इस केस में दिल्ली सरकार को बड़ा झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार को अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी थी। इस याचिका में अरविन्द केजरीवाल की सरकार ने उपराज्यपाल के अधिकारों की सीमा तय करने से संबंधित मामले की सुनवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की बड़ी पीठ गठित करने की गुहार लगाई थी। दिल्ली सरकार की इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।